आँखों की रौशनी को रखें हमेशा जवान
Oxidative Stress के कारण आँखों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है और इस दुस्प्रभाव को रोकने ,कम करने और ठीक करने में
Anti oxidants विटामिन और मिनरल की भूमिका का शोधकर्ताओं की निगाहें लगी है|
साठ वर्ष से अधिक आयु के लोगों में होने वाली शल्य क्रियाओं में मोतियाबिन्द के मामले सबसे अधिक होते है| हर वर्ष इसके कारण लाखों लोगों को ओपरेशन किये जाते है| आँख में जो रौशनी पड़ती है,उसे इकठ्ठा करके रेटिना पर केन्द्रित करने का काम लेंस करता है| अगर लेंस साफ़ हो तो ही यह काम अच्छी तरह होगा| आयु के साथ लेंस धीरे धीरे ख़राब होने लगता है और धुंधला पड़ने लगता है| वह धीरे धीर मोतियाबिन्द का रूप ले लेता है
Eyes
मेडिकल शोधकर्ता मानते है की
Ultraviolet किरणें आँखों की लेंस में फ्री रेडिकल पैदा करते है जिससे
Oxidative stress पैदा होता है | यही मोतियाबिन्द को जन्म देता है| पर विषय यह है की क्या प्रयाप्त
Anti oxidants जवानी में लेकर बुढापे में होने वाले मोतियाबिंद को रोका जा सकता है?
हमारे शारीर में बनने वाले प्राकृतिक Anti oxidants Glutathione peroxidase,कैटेलेज और Super oxide dismutase हमारी आँख की प्रार्थमिक सुरक्षा कवच का कार्य करते है| पर शोध से पता चला है कि यह प्राकृतिक Anti oxidants सिस्टम आँखों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त नहीं है| इसके लिए पर्याप्त मात्रा में भोजन एवम अतिरिक्त सप्लीमेंट आवश्यक है
आँखों की सुरक्षा के लिए उनके इर्द गिर्द पाए जाने वाले द्रव,बहुत महत्वपूर्ण होते है| अगर इस द्रव में Anti oxidants की मात्रा कम होगी,तो मोतियाबिंद तेजी से बढेगा| इस द्रव में मुख्य रूप से विटामिन C होता है जो पानी में घुलनशील होता है और लेंस के इर्दगिर्द भाड़ी मात्रा में पाया जता है| इसके अलावा इसमें विटामिन इ,अल्फा लिपोइक एसिड और बीटा कैरोटिन पाया जता है
अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों में विटामिन ई और केरोटिन का स्तर बहुत कम था,उनके मोतियाबिंद की उपस्थित चार से पञ्च गुना अधिक पाई गई है| ऐसा भी देखा गया है जो लोग Nutrition Supplement की अतिरिक्त खुराक लेते थे उनमे इसकी संभावना 50 प्रतिशत कम पाई गई
इसके प्रयाप्त प्रमाण उपलब्ध है कि प्राकृतिक Anti oxidants सुरक्षा का प्रभाव आयु के साथ साथ धीरे धीरे कम हो जाता है| यह भी पाया गया है कि Anti oxidants Supplement लेने से आँखों पर बढ़ती उम्र का असर नहीं होता है| आँखों में बिद्यमान द्रव में विटामिन सी की मात्रा जितनी अधिक रहेगी,मोतियाबिंद से आँखें उतनी ही ज्यादा सुरक्षित रहेगी| मिलकर अपनी कार्य क्षमता बढाने की प्रबृति के कारण अल्फ़ा लिपोइक एसिड इन सभी Anti oxidants के प्रभाव को बढ़ा देता है यह विटामिन सी के साथ मिल कर शरीर में Glutathione बार बार बनाता है और इससे आँखों की लेंस की सुरक्षा होती है
मुझे आशा है कि मरीजों को मोतियाबिंद से बचने के लिए Anti oxidants लेने की सलाह जरुर देंगे और यह सिद्ध करता है की ये अतिरिक्त Nutrition supplement अपनी आँखें सुरक्षित रखना जीवन भर चश्मा लगाने और बुढापे में मोतियाबिंद का Operation कराने से ज्यादा सस्ता और सुबिधाजनक है
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