क्या होता है एलो वेरा के बारे में आम सवाल? आइये जानते है
एक बार फिर से एलोवेरा के सम्बन्ध में जानकारी लेकर उपस्थित हो रहा हूँ ! दरअसल अपने देश के विभिन्न प्रान्तों से इस उत्पाद के बारे में फोन आता रहता है ! कुछ लोग घर के गमले में लगे एलो वेरा ( ग्वारपाठा) के बारे में जानना चाहते है की वो उसका जूस किस तरह से निकले और पियें ! कुछ लोग उसे खाने और सब्जी बनाने के विधि पूछते है वगैरह वगैरह ! तो मैंने सोचा क्यूँ नहीं आज इस पोस्ट के माध्यम से लोगों के मन की भ्रांतियां को दूर किया जाय ? तो पेश कर रहा हूँ कुछ अति विशिष्ट जानकारी जो हम सबके लिए बहुपयोगी है!
जी हाँ , एलो वेरा जेल एक अच्छे और उत्तम किस्म का आहार माना जाता है! यह मानव शरीर के लिए पोषक का भंडार है, शरीर के निर्विषीकरण के लिए बहुत ही उपयोगी है और सभी को इसकी जरूरत है ! आज के वातावरण में जहाँ प्रदूषित पदार्थ का जमावड़ा है जैसे आहार से लेकर वायु , पानी सबके सब प्रदूषित है जिसके कारण शरीर में टोक्सिन जमा हो जाता है और इसी को डीटोक्सीफाई करने के लिए एलो वेरा जेल समर्थ है! यह कोशिकाओं को नवजीवन प्रदान कर उन्हें स्वस्थ रखता है! जैसे मोटरगाड़ी को सुचारू रूप से चलाने के लिए नियमित रूप से सर्विसिंग कराना जरुरी होता है, ठीक उसी प्रकार से एलो वेरा जेल मानव शरीर के लिए काम करता है! गाडी के कल-पुर्जों के मुकाबले हमारे शरीर के कल-पुर्जे कहीं ज्यादा विशिष्ट, अनोखे, अद्धभुत, अनमोल है और उनकी देख-भाल करना , संभालना निहायत जरुरी है!
कितने दिनों तक एलो वेरा जेल उपयोग करना चाहिए ?
एक स्वस्थ व्यक्ति को एलो वेरा जेल कम से कम छह से आठ बोतलें पिने की सिफारिश की जाती है! ऊर्जा स्तर, सामान्य स्वास्थ्य, मुड और चुस्ती-फुर्ती में सुधार नजर आने लगेगा! परन्तु बीमार व्यक्ति के लिए तो शरीर की निरोधक प्रणाली को उस पर काबू पाने के लिए अतिरिक्त पोषाहार की जरुरत पड़ेगी! एलो वेरा जेल के उपभोग की अवधि व्यक्ति की बीमारी, उम्र और स्वास्थ्य पर निर्भर करेगी!
क्या लगातार एलो वेरा लेने से इसकी लत पड़ सकती है या इम्युनिटी पैदा हो सकती है ?
जी बिलकुल नहीं, एलो वेरा की आदत या लत नहीं पड़ती चुकी यह बुनियादी रूप से पौष्टिक आहार है, कोई सिंथेटिक दवा ( ड्रग्स) नहीं! इसलिए इसके पिने से किसी भी प्रकार का कोई दुष्परिणाम या इम्युनिटी प्रतिक्रिया होने का सवाल ही नहीं पैदा होता!
क्या किस दूसरी दवाओं के साथ हम एलो वेरा ले सकते है ?
एलो वेरा आँतों की सफाई करके ग्रहण करने की क्षमता और आत्मसात्करण को बढाता है! इससे अन्य दवाओं को ग्रहण करने की क्षमता बढ़ जाती है जिसकी वजह से दवा की खुराक मानी जा सकती है! अगर ऐसे लक्षण दिखाई दे तो अपने डॉक्टर से सलाह करके खुराक की मात्रा घटाई भी जा सकती है! कई मामलों में जब शरीर की निरोधक प्रणाली का स्तर बढ़ने लगता है, तो दवाओं की मात्रा वैसे भी धीरे-धीरे घटाई जाती है! ऐसा वक्त आ सकता है जब दवाओं की शायद जरूरत ही नहीं रहे!
बाजार में एलो वेरा के कई ब्रांड मिलते है, जो हमें किस ब्रांड का इस्तेमाल करना चाहिए ?
भारत में एलो वेरा के कई निर्माता है | किसी भी उत्पादन की साख जमने में समय लगता है, खासकर जब मामला सेहत से सम्बंधित हो | जो उत्पाद लगातार अच्छा होता है,वह लगातार अच्छे परिणाम देता है!
भारत में निर्मित होने वाले अधिकांस एलो वेरा का उपयोग सौन्दर्य प्रसाधन उद्योग करता है! पिने वाले एलो वेरा जेल की गुणवता ऐसी होनी चाहिए जो एलो के ताजे-ताजे काटे गए पते से निकलने वाले जेल का मुकाबला कर सकें!जाहिर सी बात है, इसके लिए विशेष प्रकार की प्रक्रिया की समझ व जानकारी होनी चाहिए! इसे सब लोग नहीं कर सकते! लिहाजा ऐसी जेल का चुनाव करें जिसमे ये सभी तत्व मौजूद हो!
अगर एलो जेल वास्तव में इतना कारगर है तो हर कोई इसकी चर्चा क्यूँ नहीं करता ?
बाजार में कई तरह के जेल उपलब्ध है और उनकी गुणवता में भी अंतर पाया जाता है! हाँ ये थोडा महंगा उत्पाद है! इसके अलावा अच्छी गुणवता के बारे में जानकारी का आभाव या अच्छे माल की उपलब्धि न होने के कारण लोगों को जो मिल जाता है वही खरीद लेते है! जब मन मुताविक परिणाम नहीं मिलते, तो एलो वेरा की प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचती है! हमारे देश के डॉक्टर को एलो वेरा और पोषक पूरकों सम्बंधित जानकारी बहुत थोड़ा है! इसलिए अक्सर वे लोगों मतलब मरीजों को ऐसे पूरकों और उत्पादों का उपयोग करने से मना करते है!
मरीज भी इस समस्या में इजाफा करते है! वे इस ‘चमतकारी पौधे’
से चमत्कार की उम्मीद करते हुए, आनन्-फानन नतीजे चाहते है! अक्सर जब दुसरे इलाज से परेशां हो जाते है , तो वे पोषक चिकित्सा को अंतिम विकल्प के रूप में अपनाते है! मरीजों को पोषक चिकित्सा के काम करने के तरीके के बारे में बताया जाना चाहिए! यह बताया जाना चाहिए की पहले साकारत्मक परिवर्तन नजर आने में कितना वक्त लगेगा! शुरुआती चरणों में उनका तब तक उचित निर्देशन करना चाहिए, जब तक वे इलाज द्वारा हुए फर्क को खुद महसूस न करने लगे!
पोषक पूरकों द्वारा इलाज के नतीजे आनन-फानन में देखने को क्यूँ नहीं मिलता ? क्या खुराक बढ़ने से नतीजा जल्दी मिल सकते है ?
पोषक पूरक प्राकृतिक उत्पाद है और इनके द्वारा दी जाने वाला इलाज किसी एक बीमारी के लिए नहीं होता! प्रकृति किसी समस्या को ठीक करने में अपना वक्त लेती है और वह कई कारको पर निर्भर करती है! जो लक्षण देखने में आते है वे हो सकते है किसी गहरा गई समस्या से सम्बन्ध रखते हो या फिर यह समस्या पोषकों के आभाव से सम्बंधित हो जिसे ठीक करने में समय लगता है! पोषकों के ग्रहण करने की प्रक्रिया का नियन्त्रण शरीर के हाथ में होता है! शरीर अतिरिक्त खुराक को बाहर निकाल देता है!
विकाश और मरम्मत के बारे में मानव शरीर के अपने नियम है! गर्भाधान से शिशु के जन्म और फिर किशोरावस्था तक पहुँचने में समय लगता है! इस तरह से हर एक चीज का समय निर्धारण किया गया है! मानव शरीर बढ़ने और विकसित होने में समय लगता है! यह समय प्रकृति के प्रक्रियाओं द्वारा नियंत्रित है! अतः धैर्य व संयम रखें और प्रकृति को अपने समय लेने दे!