एलोवेरा जूस क्यों जरुरी है ?
एलो मात्र एक पौधा नहीं है, मानो कुदरत ने मानव शरीर के कल्याण के लिए विशेष तौर पर इसे धरती पर लाया हो! जितने गुण एलो वेरा में है,शायद ही किसी और जड़ी-बूटी में एक साथ पाए जाते है! इसलिए इसे औषधियों का महाराजा माना गया है! कई नाम से इसे लोग पुकारते है , कुछ लोग इसे संजीवनी बूटी तो कुछ लोग इसे साइलेंट हीलर, चमत्कारी औषधि आदि भी कहते है!
एलोवेरा का 5000 साल पुराना इतिहास है | पुराने समय में लोग इससे औषधि के रूप में इस्तेमाल करते आ रहे है! पवित्र ग्रन्थ रामायण, बाइबल और वेदों में भी इस पौधे की उपयोगिता के बारे में चर्चा की गई है! मिस्त्र की महारानी क्लीवपेट्रा से लेकर महात्मा गाँधी तक इसका इस्तेमाल करके फायदा उठा चुके है! वर्तमान में एलो वेरा का उपयोग अनेक प्रकार के आयुर्वेदिक औषधीय में बहुतायत से हो रहा है! कोई भी वैद्य,चिकित्सक, व हाकिम इनके गुणों को नकार नहीं सकता! इसे कई नाम से जाना जाता है , जैसे हिंदी में ग्वारपाठा, क्वारगंदल,घृतकुमारी, कुमारी या फिर घी-ग्वार भी कहते है! वर्षों के शोध के बाद पता चला की एलोवेरा के 300 प्रकार के होते है! इसमें 284 किस्म के एलो वेरा में 0 से 15 प्रतिशत औषधि गुण होते है!
11 प्रकार के पौधे जहरीले होते है बाकि बचे 5 विशेष प्रकार में से एक पौधा है जिसका नाम एलो बारबाडेन्सिस मिलर है जिसमे 100 प्रतिशत औषधि व दवाई दोनों के गुण पाए गए है
जिस तरह हमारे यहाँ (AIIMS DELHI) एम्स दिल्ली को सब जानते है ठीक वैसे ही अमेरिका में लाइंस पौलिंग इंस्टीच्युट ऑफ़ साइंस एंड मेडिसिन न केवल अमेरिका में बल्कि सारे संसार में परिचित है! डॉ. लाइंस पौलिंग जिन्हें दो बार नोबिल पुरुस्कार से से नाबजा गया था! कई वर्षों के शोध के बाद पता लगाया इस विशेष प्रकार के एलो बारबाडेन्सिस में समाहित गुणों के बारे में! फिर फॉर एवर लीविंग प्रोडक्ट्स इंटरनेशनल के चेयरमान रेक्स मॉन जो की अमेरिकन है उनके सहयोग से एलो वेरा जेल और साथ में कुछ उत्पाद को बाजार में उतारे जो को मानव जाती के लिए चमत्कारी सिद्ध हुए!
एलोवेरा की खास बात यह है की यह अपना आहार वातावरण से लेता है! आज के वातावरण में प्रदुषण ज्यादा है, और एलोवेरा के पत्ते उसे अपने अन्दर सोंख लेता है! पहले के एलो वेरा कुछ हद तक ठीक था क्योंकि पहले हमारे आसपास इतना प्रदुषण नहीं होता था! आसपास इतना प्रदुषण है की हमारे यहाँ के एलोवेरा जेल को पीना स्वस्थ्य के दृष्टीकोण से ठीक नहीं हो सकता है!
ऍफ़.एल.पी 8500 एकड़ जमीन में बिलकुल प्रदूषित रहित तरीके से खेती करके एलो पौधों की फसल तैयार करती है! यहाँ प्रदुषण का इतना ख्याल रखा जाता है की 200 किलोमीटर तक के आसपास के क्षेत्र में कोई पेट्रौल, डीजल वाली गाडी मोटर नहीं चलती और यहाँ तक वहां अन्दर भी जो गाडी वगैरह चलती है, वो बैटरी से चलती है! इस तरह प्रदुषण का दूर-दूर तक नामोनिशान नहीं होता है!
ऍफ़.एल.पी एलोवेरा को ( IASC ) इंटरनेसनल एलो साइंस काउन्सिल से मान्यता प्राप्त सील उत्पाद की शुद्धता और गुणवता को दर्शाती है! 25 -09 -2005 को टाइम्स ऑफ़ इंडिया में एक आलेख भी छपा था जिसमे एलोवेरा के शुद्धता के लिए सील को अवश्य देख ले! ऐसा एलोवेरा के सम्बन्ध लिखा लेख में लिखा गया था!
इस पौधे की विशेषता यह है की पत्ते को तोड़ने के ठीक तीन घंटे के अन्दर उपयोग कर लेना चाहिए नहीं तो उनमे विद्यमान औषधि + पौष्टिकता के गुण धीरे-धीरे नष्ट हो जाते है! ऍफ़.एल.पी में वैज्ञानिकों की शोध करके इस पौधे के जूस को कुछ जड़ी-बूटी की मदद से इसके जीवन को दो- तिन घंटे से बढाकर चार साल के लिए सुरक्षित कर दिया है!
एलोवेरा जूस कैसे काम करता है ?
एलोवेरा जेल कम से कम 90 -से 120 दिनों के नियमित सेवन से असाध्य कहे जाने वाली बीमारियाँ में लाभ पा सकते है!
जैसे:-
Arthritis, Asthma, Diabeties, Heart Problem, High/Low Blood Pressure,Gastric Problem, Constipation, Obesity, Ulcer, Lack of Energy, Thyroid, Kidney Problem, Back Pains, Survical Problem, Parkinson, Colitis, Amoebas, Stress, Tension, Depression, Cholestrol, Pimples, Ladies Problem during pregnancy, Plus all A to Z Problems
और तो और Cancer जैसी खतरनाक बीमारी में भी एलो जेल राहत देती है यानि इसके नियमित सेवन से आप हमेशा के लिए तंदुरुस्त रख सकते है!
आप हैरान होंगे की एक एलोवेरा से करीब 220 प्रकार के बीमारियाँ कैसे ठीक हो जाती है ? इससे पहले हम यह जान ले की हमें बीमारियाँ होती क्यों है ? दरअसल हमें जीवित रहने के लिए हवा, पानी और भोजन की आवश्यकत होती है, पहले के समय इसी के सहारे लोग सैकड़ों वर्षों तक जीवित रहता था क्योंकि पहले वातावरण स्वच्छ था लेकिन आज के वातावरण को देखे तो यह तीनो ही चीजें हमें अशुद्ध मिल रही है!
दूसरा आज का खान-पान,हमारी जीवन शैली ,आधुनिकता की दौड़ में इतनी बदल चुकी है की हमें अपने लिए ही वक्त नहीं होता! आज समोसा, पिज्जा ,बर्गर,पेप्सी,चाउमीन मतलब फास्ट फ़ूड हमारे आहार में शामिल हो चूका है तथा नियमित व्यायाम करने का समय भी नहीं बचा है तो यही सब कारण मिलकर मनुष्य को अस्वस्थता की ओर ले जाते है!
चुकी हमारी 90 प्रतिशत बीमारियाँ पेट से उत्पन्न होती है और इन सब बिमारियों का कारण है – हमारी आंते साफ़ ना होना और एलोवेरा में मौजूद सापोनिन और लिग्निन आँतों में जमे मैल को साफ़ करके इनको पौष्टिकता प्रदान करता है! शरीर में किसी भी प्रकार के रोग का होना अन्दुरुनी सिस्टम में गरबरियाँ को दर्शाती है!
एलो मानव शरीर में डोमेक्स का काम करता है, जैसे किचन की नाली जब जाम हो जाती है तो हम नाली में डोमेक्स डालते है और नाली साफ़ हो जाती है और उसी तरह एलो मानव शरीर के अन्दर जाते है आंतो को साफ़ करने का काम शुरू कर देता है! और जैसे जैसे हमारी आंते साफ़ होती है वैसे -वैसे हमें आराम मिलना शुरू हो जाता है!
जैसे सूर्य के तेज को हम नाकर नहीं सकते उसी तरह एलो जूस मानव शरीर के अन्दर जाते ही उसे आराम मिले बिना नहीं रह सकता!
इसके नियमित सेवन से आँखों की रौशनी बढती है घुटनों के दर्द , खून साफ़ करने में हकलाने में , दांतों की बिमारियों में पेट की सभी बिमारियों में बालों के झरने में , यादास्त बढ़ाने में वजन कम करने में या बढ़ाने में बहुत फायदा देता है! इसे किसी भी दावा के साथ लिया जा सकता है! इसका किसी भी प्रकार कोई दुष्प्रभाव नहीं है! बच्चे, जवान, बुजुर्ग ( स्त्री-पुरुष) सभी ले सकते है!
अतः एलोवेरा हमें नियमित लेना चाहिए! यह हमारे घर के वैद्य है! अगर कोई बीमार पिएगा तो उसे स्वस्थ्य होने में मदद मिलेगा और कोई स्वस्थ्य व्यक्ति पिएगा तो बीमार ही नहीं होगा!
हजारों लाखों रुपये बीमारी के इलाज में खर्च करने से कई गुना बेहतर है की बीमारी होने के कारण को ही शरीर से बहार निकालने का प्रयास किया जाये! घर बैठे , खाते-पिते, हँसते-खेलते, बिना कोई ओपरेसन के अपनी व अपने परिजन की समस्त बीमारी के कारणों को आप स्वयं ही समूल नष्ट कर सकते है!